कहानी 1: बच्चा और पेड़ की दोस्ती
एक बार की बात है, एक गांव में एक बच्चा रहता था। वह हर दिन अपने घर के पास के पेड़ के पास खेलता था। पेड़ बहुत बड़ा और हरा-भरा था। बच्चा पेड़ से बहुत प्यार करता था। वह पेड़ की छांव में बैठकर आराम करता और पेड़ पर चढ़कर खेलता था। पेड़ भी बच्चे को बहुत पसंद करता था और उसे देखकर खुश होता था।
एक दिन बच्चा पेड़ के पास उदास बैठा था। पेड़ ने पूछा, “क्या हुआ? तुम उदास क्यों हो?” बच्चा बोला, “मेरे पास खेलने के लिए खिलौने नहीं हैं।” पेड़ ने कहा, “मेरी शाखाओं से फल तोड़ लो और उन्हें बेचकर खिलौने खरीद लो।” बच्चा खुश हो गया और पेड़ से फल तोड़कर खिलौने खरीद लाया।
समय बीतता गया और बच्चा बड़ा हो गया। पेड़ ने हमेशा बच्चे की मदद की और बच्चा भी पेड़ को अपना सबसे अच्छा दोस्त मानता था।
मौलिक प्रश्न:
- बच्चा किसके पास खेलता था?
- पेड़ बच्चे को देखकर कैसा महसूस करता था?
- बच्चा उदास क्यों था?
- पेड़ ने बच्चे की कैसे मदद की?
- पेड़ और बच्चे की दोस्ती कैसी थी?
कहानी 2: खरगोश और कछुआ की दौड़
एक बार जंगल में एक खरगोश और कछुआ रहते थे। खरगोश बहुत तेज दौड़ता था और उसे अपनी गति पर बहुत गर्व था। वहीं कछुआ धीरे-धीरे चलता था। एक दिन खरगोश ने कछुए को चिढ़ाते हुए कहा, “तुम बहुत धीमे चलते हो। चलो, हम दौड़ लगाते हैं।” कछुआ मान गया और दौड़ शुरू हुई।
खरगोश तेजी से दौड़ा और कछुए से बहुत आगे निकल गया। उसने सोचा, “कछुआ तो बहुत पीछे है, थोड़ा आराम कर लेता हूँ।” खरगोश एक पेड़ के नीचे आराम करने लगा और सो गया।
कछुआ धीरे-धीरे चलता रहा और आखिरकार खरगोश को पार कर गया। जब खरगोश जागा, तब तक कछुआ जीत चुका था। खरगोश को अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने कछुए से माफी मांगी।
मौलिक प्रश्न:
- खरगोश और कछुआ कहाँ रहते थे?
- खरगोश ने कछुए को क्या कहा?
- कछुआ किस वजह से दौड़ जीता?
- खरगोश क्यों सो गया था?
- अंत में खरगोश ने क्या किया?
कहानी 3: चतुर लोमड़ी

एक बार की बात है, एक जंगल में एक भूखी लोमड़ी घूम रही थी। वह खाने की तलाश में इधर-उधर भटक रही थी। तभी उसे एक पेड़ के नीचे अंगूरों का गुच्छा लटकता हुआ दिखाई दिया। अंगूर बहुत ऊंचाई पर थे। लोमड़ी ने अंगूर पाने की बहुत कोशिश की, लेकिन वह उन तक नहीं पहुंच सकी। उसने बार-बार ऊंची छलांग लगाई, पर हर बार असफल रही।
अंत में, थक कर लोमड़ी ने सोचा, “अरे! ये अंगूर तो खट्टे होंगे। इन्हें खाने का कोई फायदा नहीं है।” और वह वहां से चली गई।
मौलिक प्रश्न:
- लोमड़ी किस चीज की तलाश में थी?
- लोमड़ी को पेड़ पर क्या दिखा?
- लोमड़ी ने अंगूर पाने के लिए क्या किया?
- क्या लोमड़ी अंगूर खा सकी?
- लोमड़ी ने अंत में क्या सोचा?
कहानी 4: हाथी और दोस्तों की कहानी
एक दिन एक छोटा हाथी जंगल में अकेला घूम रहा था। वह नए दोस्तों की तलाश में था। सबसे पहले वह बंदर के पास गया और पूछा, “क्या तुम मेरे दोस्त बनोगे?” बंदर ने कहा, “तुम बहुत बड़े हो, तुम पेड़ पर नहीं चढ़ सकते, इसलिए हम दोस्त नहीं बन सकते।”
फिर हाथी खरगोश के पास गया और वही सवाल पूछा। खरगोश ने कहा, “तुम बहुत बड़े हो, तुम मेरी मांद में नहीं घुस सकते, इसलिए हम दोस्त नहीं बन सकते।”
अंत में, हाथी ने सभी जानवरों को एक बाघ से बचाया। तब सभी जानवरों ने हाथी को अपना दोस्त बना लिया।
मौलिक प्रश्न:
- हाथी किसकी तलाश कर रहा था?
- बंदर ने हाथी को दोस्त क्यों नहीं बनाया?
- खरगोश ने क्या जवाब दिया?
- हाथी ने जानवरों की कैसे मदद की?
- अंत में हाथी के कितने दोस्त बने?
कहानी 5: चिड़िया का घर
एक बार एक छोटी चिड़िया ने अपने लिए पेड़ पर एक घोंसला बनाया। वह रोज तिनके लाती और अपना घोंसला बनाती। धीरे-धीरे उसका घोंसला तैयार हो गया। अब वह आराम से उसमें रहने लगी। एक दिन तेज हवा चली, और चिड़िया का घोंसला हिलने लगा। चिड़िया ने घोंसले को बचाने की कोशिश की लेकिन हवा बहुत तेज थी।
तभी चिड़िया ने सोचा, “अगर मैं इसे ठीक से नहीं बांधूंगी, तो ये फिर से उड़ जाएगा।” अगले दिन, उसने घोंसले को और मजबूत कर दिया और अब वह खुशी-खुशी उसमें रहने लगी।
मौलिक प्रश्न:
- चिड़िया ने क्या बनाया?
- चिड़िया ने घोंसले को कैसे बनाया?
- एक दिन क्या हुआ?
- चिड़िया ने घोंसले को कैसे बचाया?
- चिड़िया ने अंत में क्या सीखा?
कहानी 6: चतुर कौआ
गर्मियों के एक दिन एक कौआ बहुत प्यासा था। वह इधर-उधर पानी की तलाश में उड़ रहा था। बहुत ढूंढने के बाद, उसे एक घड़ा दिखाई दिया, जिसमें थोड़ा सा पानी था। कौआ ने घड़े में अपनी चोंच डाली, लेकिन पानी बहुत नीचे था। वह निराश हो गया। फिर उसने एक उपाय सोचा। वह पास के पत्थर उठाने लगा और एक-एक करके उन्हें घड़े में डालने लगा। धीरे-धीरे पानी ऊपर आ गया और कौआ ने अपनी प्यास बुझाई।
मौलिक प्रश्न:
- कौआ क्यों परेशान था?
- उसे क्या मिला?
- पानी बहुत नीचे था, तो कौआ ने क्या किया?
- पानी कैसे ऊपर आया?
- कौआ ने अंत में क्या किया?
कहानी 7: शेर और चूहा
एक दिन जंगल में एक शेर सो रहा था। तभी एक छोटा चूहा वहां आकर शेर के ऊपर उछल-कूद करने लगा। शेर गुस्से में जाग गया और उसने चूहे को पकड़ लिया। चूहा डर गया और बोला, “मुझे माफ कर दो, एक दिन मैं आपकी मदद करूंगा।” शेर हंसते हुए उसे छोड़ दिया। कुछ दिनों बाद, शेर एक शिकारी के जाल में फंस गया। चूहे ने शेर की मदद की और जाल काट दिया। शेर ने चूहे को धन्यवाद दिया।
मौलिक प्रश्न:
- चूहा शेर के ऊपर क्या कर रहा था?
- शेर ने चूहे को क्यों छोड़ा?
- शेर को किसने पकड़ लिया?
- चूहे ने शेर की कैसे मदद की?
- अंत में शेर ने क्या कहा?
कहानी 8: बकरी और तितली
एक हरी-भरी घास के मैदान में एक बकरी और तितली रहते थे। बकरी हर दिन ताजी हरी घास खाती थी, जबकि तितली रंग-बिरंगे फूलों के बीच उड़ती थी। एक दिन तितली ने बकरी से कहा, “तुम्हें हर दिन घास खाने में मजा आता है?” बकरी ने मुस्कुराते हुए कहा, “हाँ, मुझे हरी घास पसंद है, और यह मुझे ताकत देती है।”
तितली ने सोचा, “हर कोई अलग-अलग चीजों से खुश होता है।” और फिर दोनों अपने-अपने कामों में व्यस्त हो गए।
मौलिक प्रश्न:
- बकरी कहाँ रहती थी?
- तितली को किसके बीच उड़ना पसंद था?
- तितली ने बकरी से क्या पूछा?
- बकरी ने तितली को क्या जवाब दिया?
- तितली ने क्या सोचा?
कहानी 9: चतुर गधा
एक गांव में एक धोबी का गधा था। गधा हर दिन कपड़े लेकर नदी तक जाता था। एक दिन गधा थक गया और उसने सोचा, “मुझे रोज इतना काम क्यों करना पड़ता है?” एक दिन वह नदी के पास एक गड्ढे में गिर गया। धोबी ने उसे बाहर निकालने के लिए कोशिश की लेकिन गधा बहुत भारी था। गधा समझ गया कि अगर वह अपनी बुद्धि का इस्तेमाल नहीं करेगा तो वह वहीं फंसा रहेगा। उसने धीरे-धीरे गड्ढे की मिट्टी को अपने ऊपर से हटाना शुरू किया और अंत में बाहर निकल आया।
मौलिक प्रश्न:
- गधा किसके साथ काम करता था?
- गधा क्यों थक गया था?
- गधा कहाँ गिर गया?
- धोबी ने गधे को कैसे बाहर निकाला?
- गधा कैसे बाहर आया?
कहानी 10: लालची कुत्ता
एक बार एक कुत्ते को हड्डी मिली। वह उसे लेकर खुशी-खुशी नदी के पास गया। पानी में उसने अपनी ही परछाई देखी, लेकिन उसे लगा कि वह कोई और कुत्ता है जिसके पास बड़ी हड्डी है। लालच में उसने उस कुत्ते की हड्डी छीनने के लिए भौंकना शुरू किया, जिससे उसकी हड्डी पानी में गिर गई। अब कुत्ते के पास न अपनी हड्डी रही और न ही दूसरी।
मौलिक प्रश्न:
- कुत्ते को क्या मिला था?
- वह हड्डी लेकर कहाँ गया?
- पानी में उसने क्या देखा?
- उसने क्या सोचा?
- अंत में क्या हुआ?
कहानी 11: चिड़िया और उसके बच्चे
एक पेड़ पर एक चिड़िया अपने घोंसले में रहती थी। उसके घोंसले में तीन छोटे-छोटे बच्चे थे। वह हर दिन उनके लिए दाना लेकर आती और उन्हें खिलाती। एक दिन, तेज हवा चली और घोंसला हिलने लगा। चिड़िया ने अपने बच्चों को अपने पंखों में छिपा लिया और उन्हें सुरक्षित रखा। हवा रुकने के बाद, सब सुरक्षित थे और चिड़िया ने अपने बच्चों को प्यार से देखा।
मौलिक प्रश्न:
- चिड़िया कहाँ रहती थी?
- चिड़िया क्या लाती थी?
- एक दिन क्या हुआ?
- चिड़िया ने बच्चों को कैसे बचाया?
- हवा रुकने के बाद चिड़िया ने क्या किया?
कहानी 12: खरगोश की समझदारी
एक दिन जंगल में आग लग गई। सभी जानवर डरकर इधर-उधर भागने लगे। तभी एक छोटे खरगोश ने देखा कि सभी जानवर पानी की ओर भाग रहे हैं, लेकिन वह सोचने लगा कि आग को कैसे रोका जाए। उसने पास के पेड़ के पत्तों को इकट्ठा किया और उन्हें पानी में भिगोकर आग के चारों ओर डाला। आग धीरे-धीरे बुझने लगी और सब जानवर उसकी समझदारी से खुश हो गए।
मौलिक प्रश्न:
- जंगल में क्या हुआ?
- जानवर क्या कर रहे थे?
- खरगोश ने क्या देखा?
- खरगोश ने आग को कैसे रोका?
- जानवरों ने खरगोश को क्यों सराहा?
कहानी 13: कछुआ और उसकी मेहनत
कछुआ बहुत धीरे-धीरे चलता था, लेकिन वह हमेशा अपने काम में मेहनत करता था। एक दिन उसे एक ऊंचा पहाड़ चढ़ना था। सभी जानवरों ने कहा, “तुम ये नहीं कर पाओगे, तुम बहुत धीरे चलते हो।” लेकिन कछुआ नहीं रुका और धीरे-धीरे पहाड़ चढ़ने लगा। आखिरकार, उसने पहाड़ की चोटी तक पहुंचकर दिखा दिया कि मेहनत और धैर्य से सब कुछ संभव है।
मौलिक प्रश्न:
- कछुआ कैसा चलता था?
- कछुए को क्या करना था?
- जानवरों ने क्या कहा?
- कछुआ रुका या नहीं?
- कछुए ने क्या साबित किया?
कहानी 14: हंस और सोने का अंडा
एक किसान के पास एक हंस था जो रोज एक सोने का अंडा देता था। किसान बहुत खुश था। धीरे-धीरे वह लालची हो गया और सोचा, “अगर मैं हंस को मार दूं तो सारे सोने के अंडे एक साथ मिल जाएंगे।” उसने हंस को मार दिया, लेकिन उसे कुछ भी नहीं मिला। अब उसके पास न हंस था और न ही सोने का अंडा।
मौलिक प्रश्न:
- किसान के पास क्या था?
- हंस क्या देता था?
- किसान ने क्या सोचा?
- उसने हंस के साथ क्या किया?
- अंत में किसान को क्या मिला?
कहानी 15: चूहा और घोड़ा
एक जंगल में एक छोटा चूहा और एक बड़ा घोड़ा रहते थे। घोड़ा बहुत ताकतवर था और चूहा बहुत छोटा। एक दिन घोड़ा एक गड्ढे में फंस गया। वह बाहर नहीं निकल पा रहा था। चूहे ने घोड़े को देखा और मदद के लिए भागकर अपने दोस्तों को बुला लाया। सभी छोटे जानवरों ने मिलकर घोड़े को बाहर निकाला। घोड़े ने चूहे का धन्यवाद किया और कहा, “मदद करने के लिए ताकत नहीं, समझदारी चाहिए।”
मौलिक प्रश्न:
- घोड़ा कहाँ फंस गया था?
- चूहे ने घोड़े की कैसे मदद की?
- चूहे ने किसे बुलाया?
- छोटे जानवरों ने क्या किया?
- घोड़े ने चूहे से क्या कहा?
कहानी 16: शेर और बकरी

एक बार एक शेर और एक बकरी पानी पीने के लिए एक तालाब पर आए। शेर ने तालाब के पास बैठकर कहा, “यह पानी मेरा है, तुम यहाँ पानी नहीं पी सकती।” बकरी ने शेर की बात सुनकर कहा, “पानी तो सभी जीवों का है, और मैं भी इसे पी सकती हूँ।”
शेर ने बकरी की बात सुनी और थोड़ी देर सोचने लगा। उसने महसूस किया कि बकरी भी इसी तालाब की पानी की प्यास से तड़प रही थी। उसने कहा, “ठीक है, तुम पानी पी सकती हो, लेकिन पहले मुझे बताओ कि तुम कौन हो?”
बकरी ने कहा, “मैं एक साधारण बकरी हूँ, लेकिन मैं अपने हक के लिए लड़ने से नहीं डरती।” यह सुनकर शेर ने अपनी गरिमा को समझा और बोला, “तुम सच में बहादुर हो। चलो, हम दोनों मिलकर पानी पीते हैं।”
दोनों ने तालाब के पानी का आनंद लिया और उनकी दोस्ती गहरी हो गई। उस दिन के बाद से, शेर और बकरी एक-दूसरे के अच्छे दोस्त बन गए।
मौलिक प्रश्न:
- शेर और बकरी कहाँ आए थे?
- शेर ने बकरी को क्या कहा?
- बकरी ने शेर की बात का क्या जवाब दिया?
- शेर ने बकरी की बात सुनकर क्या महसूस किया?
- अंत में शेर और बकरी का क्या हुआ?
कहानी 17: चतुर लोमड़ी
एक दिन एक भूखी लोमड़ी अंगूरों के एक बाग के पास से गुजर रही थी। उसने देखा कि अंगूर बहुत ऊँचे हैं। उसने अंगूरों को पाने की कोशिश की, लेकिन वे बहुत ऊँचे थे। बार-बार कूदने के बाद भी वह अंगूरों तक नहीं पहुंच पाई। अंत में थककर लोमड़ी ने कहा, “अंगूर खट्टे हैं।” और वह वहां से चली गई।
मौलिक प्रश्न:
- लोमड़ी ने क्या देखा?
- उसने अंगूर कैसे पाने की कोशिश की?
- क्या लोमड़ी अंगूर पा सकी?
- अंत में लोमड़ी ने क्या कहा?
- लोमड़ी वहाँ से क्यों चली गई?
कहानी 18: ईमानदार लकड़हारा
एक लकड़हारा नदी के पास पेड़ काट रहा था। अचानक उसकी कुल्हाड़ी नदी में गिर गई। वह बहुत परेशान हो गया। तभी एक जलपरी आई और सोने की कुल्हाड़ी दिखाकर पूछा, “क्या यह तुम्हारी कुल्हाड़ी है?” लकड़हारे ने कहा, “नहीं, यह मेरी नहीं है।” जलपरी ने फिर लोहे की कुल्हाड़ी दिखाई, तो लकड़हारा खुश होकर बोला, “हाँ, यह मेरी है।” जलपरी उसकी ईमानदारी से खुश हुई और उसे दोनों कुल्हाड़ियाँ दे दीं।
मौलिक प्रश्न:
- लकड़हारा कहाँ पेड़ काट रहा था?
- उसकी कुल्हाड़ी कहाँ गिर गई?
- जलपरी ने कौन सी कुल्हाड़ी पहले दिखाई?
- लकड़हारा कौन सी कुल्हाड़ी लेकर खुश हुआ?
- अंत में जलपरी ने क्या किया?
कहानी 19: तीन दोस्त
एक जंगल में तीन दोस्त रहते थे: एक खरगोश, एक कछुआ और एक गिलहरी। एक दिन वे आपस में बहस करने लगे कि कौन सबसे तेज है। उन्होंने दौड़ का फैसला किया। गिलहरी पेड़ों के बीच कूदकर तेज दौड़ने लगी, खरगोश घास पर दौड़ रहा था, और कछुआ धीरे-धीरे चल रहा था। अंत में सभी ने समझा कि दौड़ने से ज्यादा ज़रूरी है कि हम सभी दोस्त हैं।
मौलिक प्रश्न:
- तीनों दोस्त कौन थे?
- वे किस बारे में बहस कर रहे थे?
- दौड़ में किसने हिस्सा लिया?
- दौड़ में कौन सबसे तेज था?
- अंत में उन्होंने क्या समझा?
कहानी 20: समझदार चींटी
एक दिन एक चींटी नदी के किनारे पानी पी रही थी। अचानक वह फिसल कर नदी में गिर गई। तभी एक पेड़ की शाखा पर बैठी एक चिड़िया ने उसे देखा। चिड़िया ने अपनी चोंच में एक पत्ता उठाया और चींटी की ओर फेंक दिया। चींटी ने पत्ते पर चढ़कर अपनी जान बचाई। कुछ दिनों बाद, चींटी ने चिड़िया को एक शिकारी के जाल में फंसते देखा और उसने उसे डंक मारकर बचा लिया।
मौलिक प्रश्न:
- चींटी कहाँ पानी पी रही थी?
- चींटी कहाँ गिर गई?
- चिड़िया ने चींटी की कैसे मदद की?
- चींटी ने बाद में चिड़िया की कैसे मदद की?
- चिड़िया और चींटी दोनों की क्या सीख मिली?
कहानी 21: मोर और बगुला
मोर और बगुला दोनों एक पेड़ के नीचे बैठे थे। मोर ने अपने सुंदर पंखों का घमंड करते हुए बगुले से कहा, “तुम्हारे पास मेरे जैसे सुंदर पंख क्यों नहीं हैं?” बगुला मुस्कुराया और बोला, “तुम्हारे पंख सुंदर हैं, लेकिन मैं ऊँचे आसमान में उड़ सकता हूँ, जो तुम नहीं कर सकते। हर किसी की अपनी विशेषता होती है।”
मौलिक प्रश्न:
- मोर और बगुला कहाँ बैठे थे?
- मोर ने किस बात का घमंड किया?
- बगुले ने क्या जवाब दिया?
- मोर क्या नहीं कर सकता था?
- बगुले ने कौन सी सीख दी?
कहानी 22: लालची बन्दर
एक पेड़ पर बहुत सारे आम लटके हुए थे। बन्दर ने एक बार में सारे आम खाना चाहा। वह एक-एक कर सभी आम तोड़ने लगा, लेकिन अचानक बहुत सारे आम उसके हाथ से गिरकर नीचे चले गए। वह आम खाने की बजाय सबको खो बैठा। उसे समझ में आया कि ज्यादा लालच करने से कुछ नहीं मिलता।
मौलिक प्रश्न:
- बन्दर ने क्या देखा?
- उसने क्या करने की कोशिश की?
- आम कहाँ गिर गए?
- बन्दर को क्या समझ में आया?
- लालच से क्या नुकसान हुआ?
कहानी 23: हरी और पीली तितली
एक हरी तितली और पीली तितली बगीचे में खेल रही थीं। हरी तितली ने कहा, “मेरे पंख कितने सुंदर हैं!” पीली तितली मुस्कुराई और बोली, “हमारी सुंदरता हमारे रंगों में नहीं, हमारे अच्छे कामों में है।” दोनों ने मिलकर बगीचे में फूलों की मदद की और खुश हो गईं।
मौलिक प्रश्न:
- कौन सी तितलियाँ बगीचे में खेल रही थीं?
- हरी तितली ने क्या कहा?
- पीली तितली ने क्या जवाब दिया?
- तितलियों ने क्या किया?
- सुंदरता किसमें होती है?
कहानी 24: सच्चे दोस्त
एक बार एक गधा और एक घोड़ा साथ-साथ सफर कर रहे थे। गधा बहुत भारी सामान से थक गया और गिर पड़ा। घोड़े ने उसकी मदद की और उसका कुछ सामान अपने ऊपर उठा लिया। दोनों ने मिलकर सफर पूरा किया और समझा कि सच्चे दोस्त वही होते हैं जो मुश्किल समय में एक-दूसरे की मदद करते हैं।
मौलिक प्रश्न:
- गधा और घोड़ा क्या कर रहे थे?
- गधा क्यों गिर पड़ा?
- घोड़े ने गधे की कैसे मदद की?
- दोनों ने क्या सीखा?
- सच्चे दोस्त कौन होते हैं?
कहानी 25: दो बिल्लियाँ और बंदर
दो बिल्लियों को एक रोटी मिली। वे दोनों आपस में लड़ने लगीं कि रोटी किसकी है। तभी एक बंदर आया और बोला, “मैं इसे बराबर बांट दूंगा।” उसने रोटी के दो टुकड़े किए, लेकिन दोनों टुकड़े बराबर नहीं थे। बंदर ने बड़ा टुकड़ा खा लिया, फिर दूसरा टुकड़ा खा लिया। अंत में बिल्लियों के पास कुछ नहीं बचा।
मौलिक प्रश्न:
- बिल्लियों को क्या मिला?
- बिल्लियाँ क्यों लड़ने लगीं?
- बंदर ने क्या किया?
- बंदर ने रोटी का क्या किया?
- अंत में बिल्लियों के पास क्या बचा?
कहानी26. मेहनती गिलहरी और बातूनी तोता
एक हरे-भरे जंगल में छोटी सी गिलहरी रानी रहती थी। वह हर सुबह सूरज निकलने से पहले उठ जाती और पेड़ों पर चढ़कर बादाम, अखरोट, और फल इकट्ठा करने लगती। उसका एक दोस्त तोता मिट्ठू भी उसी पेड़ पर रहता था। मिट्ठू को आराम करना और गाना गाना पसंद था। एक दिन, उसने रानी से कहा, “तुम इतनी मेहनत क्यों करती हो? चलो, आज मेरे साथ खेलो!” रानी ने मुस्कुराकर जवाब दिया, “मिट्ठू, सर्दियाँ आने वाली हैं। अगर अभी नहीं जमा करूंगी, तो बाद में भूखी रह जाऊँगी।” मिट्ठू ने कहा, “तुम्हें डरने की ज़रूरत नहीं! मैं तुम्हें खाना दूँगा।”
कुछ महीने बाद सर्दी आ गई। पेड़ों के पत्ते झड़ गए, और खाना मिलना मुश्किल हो गया। मिट्ठू ने जब खाने की तलाश शुरू की, तो उसे कुछ नहीं मिला। वह भूखा और ठंडा काँपते हुए रानी के पास पहुँचा। रानी ने अपने स्टोर से उसे अखरोट और बादाम दिए और कहा, “देखा, मेहनत कभी बेकार नहीं जाती!” मिट्ठू ने माफ़ी माँगी और अगले दिन से उसने भी खाना जमा करना शुरू कर दिया।
प्रश्न:
- रानी सुबह क्या करती थी? (फल इकट्ठा करना)
- मिट्ठू को क्या पसंद था? (गाना गाना)
- सर्दियों में मिट्ठू ने रानी से क्या माँगा? (खाना)
- रानी ने मिट्ठू को क्या सिखाया? (मेहनत करना)
- सोचो: अगर मिट्ठू ने माफ़ी न माँगी होती, तो क्या होता?
कहानी 27. बादल राजा की बारिश
एक गाँव में लंबे समय से बारिश नहीं हुई थी। नदी सूख गई, और पेड़ मुरझाने लगे। छोटी लड़की नीतू ने सोचा, “क्यों न बादल राजा से प्रार्थना की जाए?” वह रोज़ सुबह एक पहाड़ी पर चढ़कर बादलों से बोलती, “कृपया हम पर बारिश बरसाओ!” साथ ही, वह बाल्टी से दूर नदी से पानी लाकर पौधों को सींचती।
एक दिन, बादल राजा ने उसकी मेहनत देखी। वह गरजकर बोला, “नीतू, तुम्हारी लगन ने मुझे प्रसन्न किया है!” और फिर मूसलाधार बारिश शुरू हो गई। गाँव वाले खुशी से नाचने लगे। नीतू ने सबको समझाया, “कभी हार मत मानो। प्रार्थना और मेहनत से सब कुछ मिलता है।”
प्रश्न:
- नीतू कहाँ प्रार्थना करती थी? (पहाड़ी पर)
- बादल राजा ने बारिश क्यों की? (मेहनत देखकर)
- गाँव वालों ने खुशी में क्या किया? (नाचना)
- नीतू ने क्या सीख दी? (हार न मानना)
- सोचो: अगर बारिश न होती, तो नीतू क्या करती?
कहानी 28. शेर और चींटी की दोस्ती
जंगल का राजा शेर घमंडी हो गया था। एक दिन, उसने चींटी को रास्ते में कुचल दिया। चींटी चिल्लाई, “ऐसा मत करो! छोटे होने का मतलब कमज़ोर नहीं है।” शेर हँसा और चला गया।
कुछ दिन बाद, शेर शिकारियों के जाल में फँस गया। वह गरजा, “क्या कोई मेरी मदद करेगा?” चींटी ने उसकी आवाज़ सुनी और अपने साथियों के साथ जाल की रस्सियाँ काट दीं। शेर ने कहा, “मुझे माफ़ कर दो। मैंने तुम्हारी ताकत को कम नहीं आँकना चाहिए था।”
प्रश्न:
- शेर ने चींटी के साथ क्या किया? (कुचलना)
- चींटी ने शेर को कैसे बचाया? (रस्सी काटना)
- शेर ने अंत में क्या कहा? (माफ़ी माँगना)
- इस कहानी से क्या सीख मिलती है? (घमंड न करना)
- सोचो: अगर चींटी ने बदला लिया होता, तो क्या होता?
कहानी 29. टिमटिम तारे की यात्रा
एक रात, आकाश से टिमटिम नाम का तारा धरती पर गिर गया। उसे चोट लगी थी, और वह रोने लगा। एक बच्चे रोहन ने उसे बगीचे में देखा। उसने तारे को उठाया और घर ले गया। रोहन की माँ ने टिमटिम को मलहम लगाई।
टिमटिम बोला, “मुझे वापस आसमान जाना है।” रोहन ने एक पतंग बनाई और उस पर टिमटिम को बैठाकर उड़ा दिया। टिमटिम ने कहा, “तुम्हारी दया मुझे हमेशा याद रहेगी!” रोहन ने सीखा: “मुश्किल समय में सबकी मदद करो।”
प्रश्न:
- टिमटिम कहाँ गिरा था? (बगीचे में)
- रोहन ने तारे की मदद कैसे की? (मलहम लगाना)
- टिमटिम वापस कैसे गया? (पतंग पर बैठकर)
- रोहन ने क्या सीखा? (मदद करना)
- सोचो: अगर टिमटिम नहीं चमकता, तो रात कैसी लगती?
कहानी 30. रंगों वाली तितली
सफेद तितली सोना उदास रहती थी, क्योंकि सब उसका मज़ाक उड़ाते थे। एक दिन, उसने फूलों से कहा, “क्या तुम मुझे रंग दे सकते हो?” गुलाब ने लाल रंग दिया, सूरजमुखी ने पीला, और नीले फूल ने अपना रंग दिया। सोना अब इंद्रधनुषी तितली बन गई!
सब तितलियाँ उसकी तारीफ़ करने लगीं। सोना बोली, “असली सुंदरता दोस्ती से बढ़ती है।” उसने सभी फूलों को धन्यवाद दिया और हमेशा उनकी रक्षा करने का वादा किया।
प्रश्न:
- सोना क्यों उदास थी? (मज़ाक उड़ाना)
- किस फूल ने नीला रंग दिया? (नीले फूल ने)
- तितली ने फूलों को क्या वादा किया? (रक्षा करना)
- असली सुंदरता किससे आती है? (दोस्ती)
- सोचो: अगर फूलों ने रंग न दिए होते, तो सोना क्या करती
कहानी 31: मेहनती गिलहरी
एक घने जंगल के बीचोंबीच एक पुराने बरगद के पेड़ पर छोटी सी गिलहरी रानी का घर था। रानी हर सुबह सूरज की पहली किरण के साथ उठ जाती और अपने नन्हे पंजों से पेड़ की डालियों पर चढ़ने लगती। उसका मुख्य काम था – बादाम, अखरोट, और सूखे फल इकट्ठा करना। वह इन्हें अपने पेड़ के खोखले तने में जमा करती, ताकि सर्दियों में भूखी न रहना पड़े।
एक दिन, उसके दोस्त तोता मिट्ठू ने उसे देखा और हँसते हुए कहा, “अरे रानी! तुम इतनी मेहनत क्यों करती हो? चलो, आज मेरे साथ आम के पेड़ पर चलें। वहाँ मीठे आम खाएँगे और गाना गाएँगे!” रानी ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “मिट्ठू, सर्दियाँ आने वाली हैं। अगर अभी नहीं जमा करूँगी, तो बाद में पछताऊँगी।” मिट्ठू ने कहा, “तुम्हें चिंता करने की ज़रूरत नहीं! जब तक मैं हूँ, तुम्हें भूखा नहीं रहने दूँगा।”
कुछ महीने बाद, जाड़े की ठंडी हवाएँ चलने लगीं। पेड़ों के पत्ते झड़ गए, और जंगल में खाने की किल्लत हो गई। मिट्ठू जब खाने की तलाश में निकला, तो उसे कहीं कुछ नहीं मिला। वह ठंड में काँपता हुआ रानी के पास पहुँचा और बोला, “रानी, मुझे माफ़ कर दो। मैंने तुम्हारी बात नहीं सुनी। क्या तुम मुझे कुछ खाने को दे सकती हो?” रानी ने उसे अपने स्टोर से सूखे मेवे दिए और कहा, “देखा, मेहनत का फल कभी बेकार नहीं जाता!” मिट्ठू ने उस दिन प्रण किया कि अब वह भी भविष्य के लिए तैयारी करेगा।
प्रश्न:
- रानी कहाँ रहती थी? (बरगद के पेड़ पर)
- मिट्ठू ने रानी को क्या न्योता दिया? (आम खाने)
- सर्दियों में मिट्ठू की क्या दशा हुई? (भूखा रहना)
- रानी ने क्या सिखाया? (मेहनत का महत्व)
- सोचो: अगर रानी ने मिट्ठू को खाना न दिया होता, तो क्या होता?
कहानी 32: समझदार चिड़िया और लालची साँप
एक पेड़ पर चिड़िया मीना का घोंसला था। एक दिन, एक साँप ने उसके अंडे चुराने की सोची। मीना ने उसे देख लिया और चिल्लाई, “मेरे बच्चों को छोड़ दो!” साँप हँसा, “तुम क्या कर लोगी?” मीना ने तुरंत अन्य पक्षियों को आवाज़ लगाई। कौओं ने साँप पर चोंच मारना शुरू कर दिया, और गिलहरियों ने उस पर नट फेंके। साँप डरकर भाग गया। मीना ने सबको धन्यवाद दिया और कहा, “मुसीबत में एकता ही ताकत होती है!”
प्रश्न:
- साँप ने चिड़िया के घोंसले में क्या करना चाहा? (अंडे चुराना)
- चिड़िया ने मदद के लिए किसे बुलाया? (कौओं और गिलहरियों को)
- साँप क्यों भाग गया? (डर के कारण)
- इस कहानी से क्या सीख मिलती है? (एकता की ताकत)
- सोचो: अगर चिड़िया ने मदद न माँगी होती, तो क्या होता?
कहानी 33: बूढ़े पेड़ की कहानी
एक बगीचे में पुराना आम का पेड़ अब फल नहीं देता था। बच्चे उसकी छाया में खेलते, लेकिन माली ने उसे काटने का फैसला किया। तभी एक चिड़िया बोली, “इसे मत काटो! यह हमारा घर है।” बच्चों ने भी गुहार लगाई। माली ने पेड़ को बचा लिया। कुछ महीनों बाद, पेड़ ने फिर से मीठे आम दिए। सबने सीखा: “धैर्य रखो, प्रकृति साथ देती है।”
प्रश्न:
- माली ने पेड़ को क्यों काटना चाहा? (फल न देने के कारण)
- चिड़िया ने पेड़ को बचाने के लिए क्या किया? (मदद माँगी)
- पेड़ ने अंत में क्या दिया? (आम)
- इस कहानी से क्या सीख मिली? (धैर्य रखना)
- सोचो: अगर पेड़ काट दिया जाता, तो चिड़िया कहाँ जाती?
कहानी 34: जादुई रंगों वाली पेंसिल
रिया को रास्ते में एक चमकती पेंसिल मिली। उसने एक भूखे बच्चे का चित्र बनाया, तो वास्तव में उसके सामने खाना प्रकट हो गया! पेंसिल ने कहा, “मैं सिर्फ़ दयालु दिलों के लिए काम करती हूँ।” रिया ने गाँव के सभी गरीब बच्चों के लिए खाना और कपड़े बनाए। सबने उसे “दयालु रिया” कहकर पुकारा।
प्रश्न:
- रिया को कहाँ पेंसिल मिली? (रास्ते में)
- पेंसिल की खासियत क्या थी? (चित्र असली बनाना)
- रिया ने पेंसिल का उपयोग किसके लिए किया? (गरीब बच्चों की मदद)
- पेंसिल किसके लिए काम करती थी? (दयालु दिल वालों के लिए)
- सोचो: अगर रिया स्वार्थी होती, तो पेंसिल क्या करती?
कहानी 35: टूटी हुई नाव
रोहित और उसके पिता नदी में मछली पकड़ने गए। अचानक तूफ़ान आ गया, और नाव का पतवार टूट गया। रोहित ने अपनी कमीज़ फाड़कर पतवार बाँध दिया। पिता ने कहा, “तुमने समझदारी से काम लिया!” दोनों किनारे सुरक्षित पहुँचे। रोहित ने सीखा: “हिम्मत और सूझ-बूझ से हर मुसीबत टल जाती है।”
प्रश्न:
- नाव क्यों टूटी? (तूफ़ान के कारण)
- रोहित ने पतवार ठीक करने के लिए क्या किया? (कमीज़ फाड़ी)
- पिता ने रोहित की किस बात की तारीफ़ की? (समझदारी)
- कहानी से मुख्य सीख क्या है? (हिम्मत न हारना)
- सोचो: अगर रोहित घबरा जाता, तो क्या होता?
कहानी 36: सोने का अंडा देने वाली मुर्गी
एक गाँव में रहने वाले किसान मोहन के पास एक अद्भुत मुर्गी थी, जो रोज़ाना सोने का एक अंडा देती थी। मोहन उस अंडे को बाज़ार में बेचकर अमीर हो गया। लेकिन लालच में आकर उसने सोचा, “क्यों न मुर्गी का पेट चीरकर सारे अंडे एक साथ निकाल लूँ?” उसने ऐसा ही किया, लेकिन मुर्गी के पेट में कुछ नहीं था। मुर्गी मर गई, और मोहन की सारी संपत्ति खत्म हो गई। सीख: लालच का फल हमेशा बुरा होता है।
प्रश्न:
- मुर्गी क्या देती थी? (सोने का अंडा)
- मोहन ने मुर्गी के साथ क्या किया? (पेट चीरा)
- अंत में मोहन को क्या हुआ? (सब कुछ खोया)
- इस कहानी से क्या सीख मिलती है? (लालच न करना)
- सोचो: अगर मोहन इंतज़ार करता, तो उसका भविष्य कैसा होता?
कहानी 37: बादल और धूप की मित्रता
बादल और धूप में तू-तू, मैं-मैं हो गई। बादल बोला, “मेरी बारिश के बिना धरती सूख जाएगी!” धूप ने कहा, “मेरी रोशनी के बिना पेड़ नहीं उगेंगे!” तभी एक पेड़ ने समझाया, “तुम दोनों एक-दूसरे के सहारे हो। बारिश से फसलें उगती हैं, और धूप से वे पकती हैं।” दोनों ने मिलकर काम करना शुरू किया, और प्रकृति खुशहाल हो गई। सीख: टीमवर्क से हर काम संभव है।
प्रश्न:
- बादल और धूप में क्यों झगड़ा हुआ? (अहंकार)
- पेड़ ने क्या सिखाया? (एकता की ताकत)
- अंत में क्या हुआ? (मिलकर काम किया)
- सीख: ______ से सफलता मिलती है। (सहयोग)
- सोचो: अगर धूप हमेशा न निकलती, तो मौसम कैसा होता?
कहानी 38: चोर और चाँदनी रात
रामू नाम का चोर रात में चोरी करने निकला। उसने एक घर की खिड़की तोड़ी, लेकिन चाँद की रोशनी में उसकी छाया दीवार पर पड़ी। घर के लोग जाग गए और चोर को पकड़ लिया। पुलिस ने उसे सबक सिखाया, और रामू ने कसम खाई कि वह कभी चोरी नहीं करेगा। सीख: बुरे काम का अंत बुरा होता है।
प्रश्न:
- चोर ने क्या किया? (खिड़की तोड़ी)
- उसे कैसे पकड़ा गया? (छाया से)
- चोर ने अंत में क्या किया? (कसम खाई)
- सीख: ______ रास्ते पर चलो। (सच्चाई)
- सोचो: अगर चाँद न होता, तो क्या होता?
कहानी 39: बूढ़ी गाय की सेवा
सोनिया ने सड़क पर एक बूढ़ी गाय देखी जो घायल थी। उसने गाय को पानी पिलाया और पशु चिकित्सक को बुलाया। कुछ दिनों में गाय ठीक हो गई और सोनिया के घर रहने लगी। गाय ने रोज़ दूध दिया, जिससे सोनिया के परिवार को खुशी मिली। सीख: दया करने वाले का कभी बुरा नहीं होता।
प्रश्न:
- सोनिया ने गाय की कैसे मदद की? (पानी पिलाया)
- गाय ने बदले में क्या दिया? (दूध)
- सीख: ______ से प्यार करो। (जानवरों)
- अगर सोनिया मदद न करती, तो क्या होता?
- सोचो: जानवरों की देखभाल क्यों ज़रूरी है?
कहानी 40: टूटे घड़े का सबक
राजू का पानी का घड़ा फर्श पर गिरकर टूट गया। वह रोने लगा, लेकिन उसकी माँ ने कहा, “देखो, टूटे घड़े से रिसता पानी रास्ते के फूलों को सींच रहा है।” राजू ने समझा कि हर दोष में कोई खूबी छिपी होती है। सीख: नकारात्मकता में भी सकारात्मकता ढूँढो।
प्रश्न:
- राजू क्यों रोया? (घड़ा टूटा)
- माँ ने क्या समझाया? (फूलों की बात)
- सीख: ______ नज़रिए से देखो। (सकारात्मक)
- अगर माँ डाँटती, तो राजू कैसा महसूस करता?
- सोचो: टूटी हुई चीज़ों का क्या उपयोग कर सकते हैं?