जानें किसान और उसकी पत्नी की कहानी, (Farmer Story) जो सिखाती है जीवनसाथी के काम की कद्र करना। अधिक जानकारी के लिए पूरी कहानी पढ़ें!
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गांव में एक किसान राजू और उसकी पत्नी सुनीता रहते थे। एक दिन राजू ने सुनीता से कहा,
“सुनीता, तुम बहुत आलसी हो। तुम धीरे-धीरे काम करती हो और समय खराब करती हो।”
सुनीता को यह सुनकर बहुत गुस्सा आया। उसने कहा,
“राजू, तुम गलत कह रहे हो। कल तुम घर पर रहो। मैं खेत जाऊंगी और तुम्हारा काम करूंगी। क्या तुम घर के सारे काम करोगे?”
राजू ने खुश होकर कहा,
“बिल्कुल! मैं घर के काम कर लूंगा।”
सुनीता ने कहा,
“तो ठीक है। गाय को दुहना, सूअरों को खाना देना, बर्तन धोना, मुर्गियों का ध्यान रखना और सूत कातना।”
अगले दिन सुनीता खेत चली गई और राजू घर पर रह गया। राजू सबसे पहले गाय के पास गया। वह गाय को दुहने की कोशिश करने लगा। तभी गाय ने उसे ज़ोर से लात मार दी।
फिर राजू सूअरों के पास गया। वहां उसका सिर लकड़ी की बीम से टकरा गया। वह दर्द से कराहने लगा।
उसके बाद वह मुर्गियों को खाना देने गया। लेकिन उसने सूत कातना बिल्कुल भूल ही गया।
शाम को सुनीता खेत से वापस आई। राजू उदास होकर सिर झुका लिया। उसने कहा,
“सुनीता, मुझे माफ़ कर दो। घर के काम करना बहुत मुश्किल है। मैं कभी भी तुम्हें आलसी नहीं कहूंगा।”
इसके बाद राजू और सुनीता ने मिल-जुलकर काम किया। वे खुश होकर साथ में रहने लगे।
कहानी से जुड़े प्रश्न:
- राजू ने घर के कौन-कौन से काम किए थे?
- राजू को गाय ने क्या किया?