Hamari Virasat Evam Vibhutiyan: ‘हमारी विरासत एवं विभूतियां’ नामक पुस्तक पाठ्यक्रम में शामिल,बच्चे अब अपनी लोक संस्कृति और इतिहास को पढ़ेंगे

Hamari Virasat Evam Vibhutiyan: 'हमारी विरासत एवं विभूतियां' नामक पुस्तक पाठ्यक्रम में शामिलHamari Virasat Evam Vibhutiyan: 'हमारी विरासत एवं विभूतियां' नामक पुस्तक पाठ्यक्रम में शामिल

Hamari Virasat Evam Vibhutiyan: ‘हमारी विरासत एवं विभूतियां’ नामक पुस्तक पाठ्यक्रम में शामिल ,बच्चे अब अपनी लोक संस्कृति और इतिहास को पढ़ेंगे

उत्तराखंड के बच्चे अब अपनी लोक संस्कृति और इतिहास को पढ़ेंगे


उत्तराखंड सरकार ने नई शिक्षा नीति 2020 के तहत “हमारी विरासत एवं विभूतियां” नामक पुस्तक को पाठ्यक्रम में शामिल कर लिया है। इस नई पहल से राज्य के बच्चों को अपनी सांस्कृतिक लोक विरासत, लोकगीत, लोकनृत्य, और उत्तराखंड के महान विभूतियों के बारे में पढ़ने का मौका मिलेगा।

क्या है यह नई किताब?


यह किताब खासतौर पर कक्षा 6 से 8 के छात्रों के लिए बनाई गई है। इसमें उत्तराखंड की सांस्कृतिक विविधता, गौरवशाली इतिहास और अलग राज्य बनने के आंदोलन की पूरी जानकारी है। इसके जरिए बच्चे राज्य की सांस्कृतिक धरोहर और सामाजिक आंदोलनों से परिचित होंगे।

  • उत्तराखंड सरकार ने इसके लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद को इसके पाठ्यक्रम को तैयार करने की जिम्मेदारी दी थी.
  • स पुस्तक के माध्यम से छात्र राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक लोक विरासत, लोकगीत, लोक नृत्य, सांस्कृतिक विविधता, राज्य के इतिहास और अलग राज्य के आंदोलन समेत राजनीतिक, सांस्कृतिक और सामाजिक आंदोलनों से भी रूबरू होंगे.

क्यों जरूरी है यह कदम?


आज के समय में बच्चों का अपने इतिहास और संस्कृति से दूर होना चिंता का विषय है। “हमारी विरासत एवं विभूतियां” किताब उन्हें अपने राज्य के गौरवशाली इतिहास और महान विभूतियों की जीवनी से जोड़ने का एक बेहतरीन प्रयास है। यह न केवल बच्चों को जागरूक बनाएगा, बल्कि उनमें अपने राज्य के प्रति गर्व भी पैदा करेगा।

कैसे होगा परीक्षा मूल्यांकन?


इस किताब को पढ़ने के लिए स्कूलों में समय सारणी तय की जाएगी। अर्धवार्षिक और वार्षिक परीक्षाओं में इसके लिए अंकों का विभाजन भी किया गया है।

जुलाई 2024 में हुआ था विमोचन


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जुलाई 2024 में इस किताब का विमोचन किया। शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत बच्चों को अपनी सांस्कृतिक धरोहर और इतिहास से जोड़ा जाएगा।

FAQ:

1. यह किताब कब से पढ़ाई जाएगी?
यह किताब शैक्षिक सत्र 2025-26 से कक्षा 6 से 8 के छात्रों को पढ़ाई जाएगी।

2. इस किताब में क्या-क्या शामिल है?
इसमें उत्तराखंड की सांस्कृतिक लोक विरासत, लोकगीत, लोकनृत्य, इतिहास, और सामाजिक आंदोलनों के बारे में बताया गया है।

3. यह कदम क्यों उठाया गया?
यह कदम बच्चों को अपने राज्य की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर से जोड़ने के लिए उठाया गया है।

4. क्या यह किताब अन्य राज्यों में भी लागू होगी?
फिलहाल, यह केवल उत्तराखंड राज्य के लिए तैयार की गई है।

5. नई किताब का नाम क्या है ?

हमारी विरासत एवं विभूतियां

By Rajendra Singh

Rajendra Singh Computer Teacher | Educational Writerमैं, राजेन्द्र सिंह, ने B.Tech की डिग्री प्राप्त की है और वर्तमान में एक कंप्यूटर शिक्षक के रूप में कार्यरत हूं। मुझे शिक्षा के क्षेत्र में गहरी रुचि है, और मैं हमेशा छात्रों को कंप्यूटर विज्ञान के महत्वपूर्ण पहलुओं से अवगत कराता हूं। इसके साथ ही, मुझे शैक्षिक लेखन बहुत पसंद है, और मैं अपने विचारों को लेखों के माध्यम से साझा करता हूं। मेरा उद्देश्य है कि मैं अपने लेखन के जरिए शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाऊं और छात्रों को नवीनतम शैक्षिक रुझानों से जोड़ सकूं।

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