कहानी-जंगल के शेर और बंदर की कहानी

जंगल के शेर और बंदर की कहानी

एक घने जंगल में शेर और बंदर नाम के दो बहुत अच्छे दोस्त रहते थे। बंदर को पेड़ों पर चढ़ना और उछल-कूद करना बहुत पसंद था। वह पेड़ों की डालियों पर फुदकता रहता था। दूसरी ओर, शेर जमीन पर दौड़ने और शिकार करने में माहिर था।

एक दिन शेर ने देखा कि बंदर कितनी आसानी से पेड़ों पर चढ़ता और मस्ती करता है। शेर को भी यह करने का मन हुआ। उसने बंदर से कहा, “मुझे भी पेड़ पर चढ़ना सिखाओ।”

बंदर हंसते हुए बोला, “ठीक है शेर भाई, मैं तुम्हें सिखाता हूं।” उसने शेर को समझाया कि पेड़ पर चढ़ने के लिए पंजों को सही तरीके से पकड़ना और शरीर का संतुलन बनाना जरूरी है। शेर ने बंदर की सारी बातें ध्यान से सुनी और कोशिश करने लगा। लेकिन शेर भारी शरीर के कारण बार-बार गिर जाता था।

बंदर ने शेर को दिलासा देते हुए कहा, “शेर भाई, हर किसी को हर काम में सफलता नहीं मिलती। तुम जमीन पर दौड़ने और शिकार में सबसे तेज हो। पेड़ पर चढ़ना मेरी ताकत है, और दौड़ना तुम्हारी।”

शेर ने बंदर की बात मान ली और पेड़ पर चढ़ने की कोशिश करना बंद कर दिया। अब दोनों दोस्त अपनी-अपनी खूबियों को पहचानकर खुश रहने लगे। शेर जंगल में जमीन पर तेज दौड़ता और बंदर पेड़ों पर मस्ती करता। दोनों एक-दूसरे की खूबियों का सम्मान करते और मिलकर खेलते।


इस कहानी से हमें क्या सीख मिलती है?

  1. हर किसी में अलग-अलग खूबियां होती हैं।
  2. हमें अपनी कमजोरियों को स्वीकार करना चाहिए और अपनी ताकत पर गर्व करना चाहिए।
  3. सच्चे दोस्त वही होते हैं जो एक-दूसरे को समझते और प्रोत्साहित करते हैं।

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