2025-28 School Development Plan | Vidhyalay Vikas Yojna | Vidhyalaya Vikas Yojna | Vidhyalaya Vikas Yojana | School Development Plan Guidelines | Uttar Pradesh Education Plan | School Infrastructure Development | Prerna Portal Instructions | 2025 School Guidelines | BEO Training Details | SMC Participation | School Planning Process | Education Reform in UP
उत्तर प्रदेश में 2025-28 विद्यालय विकास योजना ( School Development Plan)/ Vidhyalaya Vikas Yojna) के लिए नई गाइडलाइंस जारी की गई हैं। जानिए महत्वपूर्ण निर्देश, तैयार करने की प्रक्रिया, और समयसीमा। अधिक जानकारी के लिए पूरी खबर पढ़ें।
उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी सरकारी स्कूलों के लिए तीन-वर्षीय स्कूल विकास योजना (SDP) तैयार करने के लिए एक विस्तृत खाका पेश किया है। इन योजनाओं का उद्देश्य शैक्षिक परिणामों को बेहतर बनाना, स्कूल के बुनियादी ढांचे को उन्नत करना, और समुदाय की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना है, साथ ही पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देना।
यह मार्गदर्शन आपको योजना के उद्देश्य, दिए गए दिशानिर्देशों और इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विभिन्न प्रशासनिक स्तरों की जिम्मेदारियों के बारे में बताएगा।
स्कूल विकास योजना क्या है?
स्कूल विकास योजना एक संरचित और रणनीतिक दस्तावेज है जो स्कूल की बुनियादी सुविधाओं, शिक्षण गुणवत्ता, और सामुदायिक सहभागिता में सुधार के लिए दृष्टिकोण, उद्देश्य और कार्य योजनाओं को रेखांकित करता है। नवीनतम निर्देशों के अनुसार, स्कूलों को शैक्षणिक वर्ष 2025-26, 2026-27, और 2027-28 के लिए योजनाएँ तैयार करनी होंगी। यह योजना निम्नलिखित के लिए एक खाका प्रदान करती है:
- बुनियादी ढांचे और सुविधाओं को उन्नत करना।
- मापने योग्य शैक्षिक लक्ष्यों को स्थापित करना।
- शिक्षक और स्टाफ प्रशिक्षण कार्यक्रमों को सशक्त बनाना।
- स्थानीय समुदाय और हितधारकों के साथ सहयोग बढ़ाना।
प्रत्येक वर्ष, योजना की व्यापक समीक्षा की जाएगी ताकि प्रतिक्रिया को शामिल किया जा सके और आवश्यक समायोजन किए जा सकें।
एसडीपी तैयार करने के लिए मुख्य दिशानिर्देश
योजना की तैयारी और प्रस्तुतिकरण में एक समान दृष्टिकोण सुनिश्चित करने के लिए, राज्य सरकार ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं। इसमें शामिल मुख्य चरण निम्नलिखित हैं:
- राज्य स्तर पर टेम्पलेट का विकास और वितरण:
- राज्य कार्यालय एक मानकीकृत एसडीपी टेम्पलेट तैयार करेगा और इसे ईमेल के माध्यम से जिला स्तर के अधिकारियों को वितरित करेगा।
- इस टेम्पलेट का एक डिजिटल संस्करण प्ररेणा पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा ताकि डेटा प्रविष्टि और पहुंच में आसानी हो।
- जिला और ब्लॉक स्तर की जिम्मेदारियाँ:
- जिला समन्वयक (सामुदायिक सहभागिता): ये समन्वयक ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) के लिए प्रशिक्षण सत्र आयोजित करेंगे ताकि वे एसडीपी टेम्पलेट और इसकी तैयारी प्रक्रिया से परिचित हो सकें।
- ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (बीईओ): बीईओ प्रधानाध्यापकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करेंगे और उन्हें एसडीपी टेम्पलेट को प्रभावी ढंग से भरने के लिए विस्तृत मार्गदर्शन प्रदान करेंगे।
- प्रधानाध्यापकों और स्कूल प्रबंधन समितियों (एसएमसी) की भूमिका:
- प्रधानाध्यापक एसएमसी सदस्यों के साथ बैठक आयोजित करेंगे ताकि एसडीपी पर चर्चा की जा सके और टेम्पलेट को पूरा किया जा सके।
- सभी हितधारकों की भागीदारी सुनिश्चित करते हुए योजना में उनके सुझावों को शामिल किया जाएगा।
- अंतिम एसडीपी को 25 जनवरी 2025 तक संबंधित बीईओ को सौंपना होगा।
- मंजूरी और डेटा प्रविष्टि प्रक्रिया:
- प्राप्त एसडीपी को बीईओ द्वारा समीक्षा की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे दिशानिर्देशों के अनुसार हैं और फिर मंजूरी दी जाएगी।
- अनुमोदित योजनाओं को 30 जनवरी 2025 तक प्ररेणा पोर्टल पर अपलोड करना होगा।
- अंतिम योजनाओं का वितरण:
- प्रत्येक स्कूल को 5 फरवरी 2025 तक अनुमोदित एसडीपी की दो हस्ताक्षरित प्रतियाँ प्रदान की जाएंगी।
- एक हस्ताक्षरित प्रति ग्राम पंचायत विकास योजना में सम्मिलन के लिए स्थानीय अधिकारियों को साझा की जाएगी, जबकि दूसरी प्रति रिकॉर्ड के लिए स्कूल में रखी जाएगी।
वित्तीय प्रावधान
राज्य सरकार ने एसडीपी टेम्पलेट की फोटोकॉपी, प्रिंटिंग, और वितरण को सुचारू बनाने के लिए बजट आवंटित किया है। मुख्य वित्तीय विवरण इस प्रकार हैं:
- प्रत्येक स्कूल को 11-पृष्ठीय एसडीपी टेम्पलेट की फोटोकॉपी के लिए ₹11 प्रदान किए जाएंगे।
- अंतिम योजना की दो डिजिटल प्रतियों को प्रिंट करने के लिए अतिरिक्त ₹11 आवंटित किए जाएंगे।
- इन उद्देश्यों के लिए पूरे उत्तर प्रदेश में कुल आवंटित बजट ₹29,38,936 है।
स्कूलों को निम्नलिखित वित्तीय दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन करना होगा:
- निधियों का उपयोग केवल निर्दिष्ट उद्देश्यों के लिए किया जाए।
- सभी खर्चों का सटीक रिकॉर्ड बनाए रखें, जिसमें बिल और वाउचर शामिल हों।
- 1 फरवरी 2025 तक राज्य कार्यालय को उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करें।
कार्यान्वयन समयरेखा
एसडीपी प्रक्रिया को समय पर और कुशलतापूर्वक पूरा करने के लिए निम्नलिखित समयसीमाएँ निर्धारित की गई हैं:
- 25 जनवरी 2025: स्कूलों द्वारा अपने एसडीपी को अंतिम रूप देकर बीईओ को सौंपने की अंतिम तिथि।
- 30 जनवरी 2025: बीईओ द्वारा अनुमोदित योजनाओं को प्ररेणा पोर्टल पर अपलोड करने की अंतिम तिथि।
- 5 फरवरी 2025: स्कूलों को एसडीपी की हस्ताक्षरित प्रतियों का वितरण करने की अंतिम तिथि।
निगरानी और समीक्षा
प्रत्येक एसडीपी की प्रगति और प्रभावशीलता का मूल्यांकन नियमित एसएमसी बैठकों के दौरान किया जाएगा। ये समीक्षाएँ सुधार के क्षेत्रों की पहचान करेंगी और सुनिश्चित करेंगी कि योजना स्कूल और उसके समुदाय की बदलती जरूरतों के साथ तालमेल बनाए रखे। योजना की प्रासंगिकता और प्रभाव बनाए रखने के लिए वार्षिक अपडेट और संशोधन शामिल किए जाएंगे।
स्कूल विकास योजनाओं का निर्माण और क्रियान्वयन उत्तर प्रदेश की शैक्षिक स्थिति को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। लक्ष्यों और जिम्मेदारियों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करके, और सभी हितधारकों को शामिल करके, यह पहल छात्रों के लिए एक पोषणकारी और संसाधनपूर्ण वातावरण बनाने का लक्ष्य रखती है।
स्कूलों और प्रशासकों को प्रदान किए गए दिशानिर्देशों का ईमानदारी से पालन करने और समयसीमाओं का पालन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है ताकि इस पहल को सफलतापूर्वक कार्यान्वित किया जा सके। विस्तृत जानकारी, संसाधन, और टेम्पलेट्स के लिए, आधिकारिक प्ररेणा पोर्टल पर जाएँ या अपने निर्धारित बीईओ से संपर्क करें। मिलकर, हम अपने स्कूलों की शिक्षा और बुनियादी ढाँचे की गुणवत्ता में महत्वपूर्ण प्रगति कर सकते हैं।
आधिकारिक पत्र के अनुसार समझें –
विद्यालय विकास योजना निर्मित करने की प्रक्रिया निम्नवत् होगी –
प्रदेश के समस्त परिषदीय विद्यालयों में विद्यालय विकास योजना को निर्मित करने हेतु विभिन्न स्तरों के लिये दायित्व व प्रक्रिया निम्नवत् है-
राज्य स्तर से विद्यालय विकास योजना का प्रारूप ई-मेल के माध्यम से (सॉफ्ट कॉपी) जनपदों को प्रेषित किया जायेगा |
- राज्य स्तर से विद्यालय विकास योजना के प्रारूप के डिजिटल कॉपी प्रेरणा पोर्टल पर डाटा एण्ट्री हेतु अपलोड की जायेगी ।
- खण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय का दायित्व होगा कि विद्यालय विकास योजना के प्रारूप हेतु निर्गत धनराशि के लिमिट के प्राप्त होने के 03 कार्यदिवस के भीतर प्रारूप की फोटो कॉपी / मुद्रित कराकर प्रधानध्यापक को उपलब्ध कराया जायेगा ।
- जिला समन्वयक, सामुदायिक सहभागिता का दायित्व होगा कि वह जनपद के समस्त खण्ड शिक्षा अधिकारियों के साथ बैठक कर विद्यालय विकास योजना के प्रारूप व निर्माण प्रक्रिया पर क्षमता संवर्धन करेंगे ।
- खण्ड शिक्षा अधिकारी का दायित्व होगा कि वह समस्त प्रधानाध्यापक की बैठक कर विद्यालय विकास योजना के प्रारूप व निर्माण प्रक्रिय??? पर क्षमता संवर्धन करेंगे।
- विद्यालय प्रबन्ध समिति के सदस्यों एवं शिक्षकों द्वारा विद्यालय विकास योजना निर्मित की जायेगी। इस कार्य हेतु जिला समन्वयक, सामुदायिक सहभागिता एवं खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा विद्यालयों को सहयोग प्रदान किया जायेगा।
- प्रधानाध्यापक की जिम्मेदारी होगी कि विद्यालय विकास योजना के नियमानुसार निर्माण हेतु एस०एम०सी० सदस्यों के साथ बैठक आहूत करेंगें एवं प्रारूप के बिन्दुओं पर विस्तृत चर्चा की जायेगी तथा प्रत्येक सूचक विकल्पों पर एकमत होकर सही (V) का निशान लगाया जायेगा ।
- प्रधानाध्यापक द्वारा विद्यालय विकास योजना निर्मित कराकर खण्ड शिक्षा अधिकारी को दिनांक 25 जनवरी, 2025 तक उपलब्ध करायी जायेगी तथा खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा समीक्षा के उपरान्त विद्यालय विकास योजना का अनुमोदन किया जायेगा ।
- खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा अनुमोदित विद्यालय विकास योजना की ब्लॉक स्तर से डाटा एण्ट्री प्रेरणा पोर्टल पर दिनांक 30 जनवरी, 2025 तक सुनिश्चित की जायेगी ।
- डाटा एण्ट्री के उपरान्त विद्यालय विकास योजना की डिजिटल कॉपी का 02 प्रतियों में प्रिंट ऑउट लेकर दोनों प्रतियाँ विद्यालयवार प्रधानाध्यापक को दिनांक: 5 फरवरी, 2025 तक वितरित करने की जिम्मेदारी खण्ड शिक्षा अधिकारी की होगी ।
- दोनों प्रतियों पर विद्यालय प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष / उपाध्यक्ष एवं सचिव के हस्ताक्षर कराने की जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक की होगी ।
- विद्यालय विकास योजना की हस्ताक्षरित प्रति स्थानीय प्राधिकारी (प्रधान) को ग्राम पंचायत विकास योजना में सम्मिलित करने हेतु उपलब्ध कराने ???ी जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक की होगी तथा दूसरी हस्ताक्षरित प्रति विद्यालय के रिकार्ड में सुरक्षित रखी जायेगी ।
- विद्यालय प्रबन्ध समिति के सदस्यों द्वारा विद्यालय विकास योजना में दिये गये कार्यों की समीक्षा विद्यालय प्रबन्ध समिति की बैठकों में की जायेगी ।
विद्यालय विकास योजना प्रारूप की विशिष्टियाँ एवं वित्तीय प्रावधान-
- विद्यालय विकास योजना प्रारूप कुल 11 पृष्ठों का है ।
- विद्यालय विकास योजना प्रारूप के कुल 11 पृष्ठों की फोटो कॉपी / मुद्रण हेतु प्रति पृष्ठ धनराशि रू001/- (रू० एक मात्र ) की दर से कुल धनराशि रू0 11 / – ( रू० ग्यारह मात्र) विद्यालय प्रबन्ध समिति को लिमिट जारी की जा रही है
- प्रारूप की फोटो कॉपी / मुद्रण की साइज 11.69 ” इंच लम्बाई एवं 8.27″ इंच चौड़ाई (14 साइज़) एवं 85 GSM पेपर का उपयोग किया जायेगा ।
- विद्यालय विकास योजना की डिजिटल कॉपी के कुल 11 पृष्ठों की 02 प्रतियाँ अर्थात् कुल 22 पृष्ठों की कम्प्यूटर से प्रिंट आउट लेने हेतु कार्टरेज रिफिलिंग के लिए प्रति विद्यालय कुल धनराशि रू0 11 / – ( रू० ग्यारह मात्र) की दर से खण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय को लिमिट जारी की जा रही है ।
- जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी का दायित्व है कि विद्यालय विकास योजना के प्रारूप की फोटो कॉपी / मुद्रण एवं प्रिंट ऑउट के लिये राज्य परियोजना कार्यालय द्वारा निर्गत धनराशि की लिमिट को खण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय एवं विद्यालय प्रबन्ध समिति के खातों में तीन कार्यदिवसों के अन्दर लिमिट जारी कर दी जाए।
उक्तानुसार विद्यालय विकास योजना प्रारूप की फोटोकॉपी / मुद्रण एवं प्रिंट आउट हेतु कुलधनराशि रु० 2938936/- (उन्तीस लाख अड़तीस हजार नौ सौ छत्तीस मात्र ) की लिमिट जारी की जा रही है ।
उपरोक्तानुसार अवमुक्त की जा रही धनराशि का व्यय निम्नलिखित निर्देशों के अधीन किया जाएगा।
- संदर्भित मद में व्यय किये जाने वाला वित्तीय नियमों / क्रय नियमों तथा समग्र शिक्षा के मैनुअल ऑन फाइनेंनसियल मैनेंजमेंट एण्ड प्रोक्योरमेंट 2024 के प्रावधानों एवं सुसंगत शासनादेशों के अन्तर्गत नियमानुसार करते हुए उपभोग प्रमाण-पत्र राज्य परियोजना कार्यालय को दिनांक 01 फरवरी, 2025 तक अनिवार्यतः उपलब्ध कराया जाए ।
- उपर्युक्त मद में किए गये व्यय से सम्बन्धित बिल वाउचर्स जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के पास संरक्षित रखे जायें एवम् नियमानुसार आन्तरिक एवं वैधानिक सम्प्रेषण के समय प्रस्तुत किए जायेंगें ।
- व्यय का विवरण (मदवार) कार्य पूर्ण होने के उपरान्त राज्य परियोजना कार्यालय को अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराया जाए ।
- जिस मद में धनराशि स्वीकृत की जा रही है, उसी मद में व्यय की जायेगी । मद विचलन मान्य नहीं होगा। आवंटित धनराशि से अधिक व्यय किसी भी परिस्थिति में मान्य नहीं होगा ।
- दोहरे भुगतान की स्थिति में सम्बन्धित आहरण / वितरण अधिकारी का उत्तरदायित्व होगा ।
- भुगतान / व्यय तथा बैंक से वास्तविक रूप से डेबिट होने के उपरान्त ही सम्बन्धित का व्यय प्रबन्ध पोर्टल के Community Mobilization (Elementary) के उपमद Training of SMC/ SDMC में अंकित करना सुनिश्चित करें। किसी भी परिस्थिति में पी०एफ०एम०एस० एवं प्रबंध पोर्टल के व्यय में भिन्नता प्रदर्शित न हो।
- महानिदेशक, स्कूल शिक्षा, उ०प्र० की शिक्षा, उ०प्र० की नियमित समीक्षा बैठक में भी सम्बन्धित कार्यक्रम/गतिविधियों की प्रगति से अवगत कराया जाए ।
उक्त के आलोक में निर्देशित किया जाता है कि विद्यालय विकास योजना निर्माण की उपरोक्त प्रक्रिया का अनुपालन करते हुए दिनांक 31 जनवरी, 2025 तक जनपद के समस्त विद्यालयों में विद्यालय विकास योजना पूर्ण कराना सुनिश्चित करें ।

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