Navoday Mock Test: जवाहर नवोदय विद्यालय प्रवेश परीक्षा हेतु गणित का mock टेस्ट

जवाहर नवोदय विद्यालय प्रवेश परीक्षा के लिए गणित का मॉक टेस्ट (Mock Test)। इस टेस्ट में आपको विभिन्न गणितीय सवालों का अभ्यास मिलेगा, जो परीक्षा की तैयारी को बेहतर बनाएंगे। 10 सवालों के माध्यम से आप अपनी गणितीय क्षमता को परख सकते हैं और परीक्षा के लिए तैयार हो सकते हैं।

मॉक टेस्ट

मॉक टेस्ट

1. यदि आकृति A का परिमाप 32 सेमी है, तो आकृति B का क्षेत्रफल क्या होगा?


64 सेमी²
32 सेमी²
128 सेमी²
256 सेमी²

2. वायुयान चेन्नई से अमेरिका के लिए उड़ान भरने में कितना समय लगा?

30 घंटे 45 मिनट
32 घंटे 55 मिनट
33 घंटे 10 मिनट
31 घंटे 15 मिनट

3. एक व्यक्ति ने साइकिल 20% हानि पर ₹640 में बेची। क्रय मूल्य क्या था?

₹700
₹800
₹750
₹850

4. 6/20 का समतुल्य भिन्न क्या है?

3/10
2/5
1/4
3/20

5. 24 + (12)9 = ?

108
132
120
96

6. एक आयताकार बाग की लंबाई 240 मीटर और चौड़ाई 120 मीटर है। चारों ओर तार खींचने के लिए कितने खंभे चाहिए?

24
36
40
48

7. 33 को किस संख्या से भाग देने पर भागफल 55 होगा?

0.6
0.5
0.4
0.3

8. 30, 36 एवं 90 का LCM और HCF का अंतर क्या है?

72
84
90
78

9. 8 और 12 का प्रथम तीन उभयनिष्ठ गुणज क्या है?

24, 48, 72
32, 64, 96
20, 40, 60
30, 60, 90

10. 50 और 90 के बीच अभाज्य संख्याओं का योग क्या होगा?

311
305
318
325

नवोदय की तैयारी और पाठ्यक्रम जानने के लिए यहाँ क्लिक करें

🛑नवोदय Online Class 30, विषय -अंकगणित परीक्षण की वीडियो देखने के लिए नीचे दिखाई गई वीडियो के लाल बटन को क्लिक करें

आंगनबाड़ी (Anganwadi) भर्ती 2025 के तहत उत्तराखंड में 6500 से अधिक पदों पर भर्तियां निकली हैं। 5वीं से 12वीं पास महिलाएं 31 जनवरी 2025 तक आवेदन करें। अधिक जानकारी के लिए पढ़ें।

आंगनबाड़ी भर्ती 2025 का इंतजार कर रहीं महिलाओं के लिए खुशखबरी है। उत्तराखंड महिला सशक्तिकरण और बाल विकास विभाग ने 6500+ पदों पर नौकरियां निकाली हैं। यह भर्ती विशेष रूप से महिलाओं के लिए है और पांचवीं से 12वीं पास महिलाएं इसके लिए आवेदन कर सकती हैं। आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और 31 जनवरी 2025 तक चलेगी।

Anganwadi Vacancy 2025: महत्वपूर्ण जानकारी

उत्तराखंड में आंगनबाड़ी सहायिका और कार्यकर्त्री के पदों पर भर्ती निकली है। उम्मीदवारों का चयन मेरिट के आधार पर होगा। नीचे दी गई तालिका में भर्ती से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियां दी गई हैं:

भर्ती का नामAnganwadi Recruitment 2025
कुल पदों की संख्या6559
पदों का विवरणआंगनबाड़ी सहायिका – 6185 पद, आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री – 374 पद
शैक्षणिक योग्यताआंगनबाड़ी सहायिका – 5वीं पास, आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री – 10वीं/12वीं पास
आयु सीमा18 वर्ष से 40 वर्ष
आवेदन प्रारंभ तिथि2 जनवरी 2025
आवेदन की अंतिम तिथि31 जनवरी 2025
आवेदन प्रक्रियाऑनलाइन
आधिकारिक वेबसाइटwecduck.in
चयन प्रक्रियामेरिट बेसिस पर चयन

आवेदन कैसे करें? How to apply for Anganwadi Recruitment ?

आंगनबाड़ी भर्ती 2025 के लिए आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है। आवेदन करने के लिए नीचे दिए गए चरणों का पालन करें:

  1. आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं: wecduck.in पर जाएं।
  2. नोटिस सेक्शन देखें: वेबसाइट पर नोटिस सेक्शन में उत्तराखंड आंगनबाड़ी भर्ती 2025 का नोटिफिकेशन चेक करें।
  3. रजिस्ट्रेशन करें: पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरें।
  4. आवेदन फॉर्म भरें: सभी आवश्यक जानकारी और दस्तावेज अपलोड करें।
  5. फीस जमा करें (यदि लागू हो): शुल्क भुगतान के बाद आवेदन फॉर्म सबमिट करें।
  6. सबमिशन का प्रिंट आउट लें: भविष्य में उपयोग के लिए आवेदन का प्रिंट आउट अवश्य रखें।

Anganwadi Bharti 2025: चयन प्रक्रिया

उम्मीदवारों का चयन मेरिट के आधार पर होगा। शैक्षिक योग्यता और उम्र को प्राथमिकता दी जाएगी।


महत्वपूर्ण बातें

  1. केवल महिलाएं ही इस भर्ती के लिए आवेदन कर सकती हैं।
  2. आवेदन करने के लिए उम्मीदवार का उत्तराखंड का निवासी होना अनिवार्य है।
  3. किसी भी प्रकार की गलत जानकारी देने पर आवेदन रद्द कर दिया जाएगा।

आंगनबाड़ी भर्ती 2025 में भाग लें और अपने करियर को एक नई दिशा दें। अधिक जानकारी के लिए wecduck.in पर विजिट करें।

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शासनादेश में 28 page हैं डाउनलोड होने में थोड़ी देर लग सकती है

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Physics for Beginners

भौतिकी (Physics) को सरल और रोचक बनाना अब हुआ आसान। जानिए कैसे छोटे-छोटे टिप्स, उदाहरण और प्रैक्टिकल एक्टिविटी से Physics को गहराई से समझ सकते हैं।

नमस्कार, प्रिय पाठको, आज हम यह जानेंगे कि भौतिकी के जटिल विषयों को सरल कैसे बनाया जाए ताकि वे समझने में आसान हो जाएं। कई छात्रों को भौतिकी कठिन लगती है, लेकिन सही दृष्टिकोण और सरल तरीकों से इसे रोचक और मज़ेदार बनाया जा सकता है। भौतिकी सिर्फ वैज्ञानिकों के लिए नहीं है; यह सभी के लिए है, और इसे सीखना आनंददायक और प्रेरणादायक हो सकता है।

भौतिकी को सरल क्यों बनाना चाहिए

भौतिकी हमारे चारों ओर की दुनिया को समझने का विज्ञान है। गुरुत्वाकर्षण, गति के नियम और ऊर्जा संरक्षण जैसे सिद्धांत हमारे दैनिक जीवन में बड़ी भूमिका निभाते हैं। आपकी कार कैसे चलती है या आपका फोन कैसे काम करता है, यह सब भौतिकी पर आधारित है। लेकिन कठिन परिभाषाएं और गणनाएँ छात्रों को अक्सर भ्रमित कर देती हैं। भौतिकी को सरल बनाने से यह अधिक सुलभ हो जाती है, जिससे रुचि पैदा होती है और इसके महत्व को समझने में मदद मिलती है। जब भौतिकी को सरल किया जाता है, तो यह अधिक संबंधित और समझने में आसान हो जाती है।

भौतिकी को समझने के लिए टिप्स

वास्तविक जीवन के उदाहरणों का उपयोग करें

भौतिकी के जटिल सिद्धांतों को वास्तविक जीवन के उदाहरणों से समझाना आसान हो जाता है:

  • गिरते हुए सेब से गुरुत्वाकर्षण को समझाएं। सब कुछ पृथ्वी की ओर खिंचता है, जैसे सेब।
  • गति के नियमों को समझाने के लिए एक कार के तेज़ और धीमे होने का उदाहरण दें। इन नियमों को समझने के लिए ढलान पर रोल करते हुए वस्तुओं को देखें।
  • पानी के गिलास में प्रकाश के झुकाव से अपवर्तन को समझाएं।

वीडियो और एनिमेशन देखें

आज के डिजिटल युग में, शैक्षिक वीडियो और एनिमेशन कठिन अवधारणाओं को मज़ेदार बना देते हैं। उदाहरण के लिए:

  • ब्लैक होल कैसे काम करते हैं, इस पर एक वीडियो अमूर्त विचार को एक रोमांचक दृश्य यात्रा में बदल सकता है।
  • इंद्रधनुष को समझाने वाले एनिमेशन अमूर्त अवधारणाओं को वास्तविक महसूस कराते हैं। ऐप्स या वेबसाइटों पर इंटरएक्टिव पाठ सीखने को एक रोमांचक अनुभव में बदल देते हैं।

अवधारणाओं को छोटे भागों में विभाजित करें

विषयों को छोटे, प्रबंधनीय भागों में विभाजित करें:

  • ऊर्जा के प्रकार (गतिज, स्थितिज आदि) को एक-एक करके पढ़ाएं। उदाहरण के लिए, चलती कार गतिज ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करती है, जबकि खींचा हुआ रबर बैंड स्थितिज ऊर्जा दिखाता है।
  • न्यूटन के गति के तीनों नियमों को एक-एक करके समझाएं। प्रत्येक नियम को गहराई से उदाहरणों के साथ समझाएं, फिर अगले पर जाएं।

मज़ेदार गतिविधियों और प्रयोगों का उपयोग करें

गतिविधियाँ और प्रयोग भौतिकी सीखने के लिए प्रभावी हैं:

  • एक पेंडुलम का उपयोग करके दोलन दिखाएं। इसके झूलने को मापें और समय और गति को समझें।
  • गुब्बारे रॉकेट से न्यूटन के गति के नियमों का प्रदर्शन करें। गुब्बारे को फुलाएं, छोड़ें, और देखें कि यह कैसे ज़ूम करता है, क्रिया और प्रतिक्रिया बलों को दिखाता है।
  • सरल सर्किट बनाकर बिजली और चुंबकत्व को समझाएं।

सरल भाषा और चित्रों का उपयोग करें

कठिन परिभाषाओं को सरल बनाएं और दृश्य सामग्री का उपयोग करें:

  • “कोई भी वस्तु तब तक गति में रहती है जब तक कि उस पर कोई बाहरी बल काम न करे,” की बजाय कहें, “चीजें तब तक चलती रहती हैं जब तक कुछ उन्हें रोक नहीं देता।”
  • चित्रों का उपयोग करके दिखाएं कि वस्तुओं पर कौन-कौन से बल काम कर रहे हैं या किसी प्रणाली में ऊर्जा कैसे प्रवाहित हो रही है। दृश्य सामग्री जटिल विषयों को स्पष्ट करती है।

छात्रों को प्रश्न पूछने के लिए प्रेरित करें

प्रश्न छात्रों को विषय में शामिल होने में मदद करते हैं। जिज्ञासा बढ़ाएं:

  • चंद्रमा पृथ्वी पर क्यों नहीं गिरता?
  • हम पानी में क्यों तैरते हैं? समूह चर्चाएं और विचार-मंथन सत्र सीखने को इंटरएक्टिव और मज़ेदार बना देते हैं।

भौतिकी को रोज़मर्रा की ज़िंदगी से जोड़ें

दिखाएं कि भौतिकी दैनिक गतिविधियों में कैसे लागू होती है:

  • समझाएं कि घर्षण हमें फिसलने से बचाकर चलने में कैसे मदद करता है।
  • चर्चा करें कि हवाई जहाज लिफ्ट और थ्रस्ट का उपयोग करके कैसे उड़ते हैं।
  • बताएं कि पुलों को विशेष आकार में क्यों डिज़ाइन किया जाता है ताकि वे बलों का सामना कर सकें।

भौतिकी सीखने के फायदे

भौतिकी सिर्फ एक विषय नहीं है; यह तार्किक सोच और समस्या-समाधान कौशल का निर्माण करती है। यह इसलिए महत्वपूर्ण है:

  • तकनीकी प्रगति: भौतिकी में खोजें स्मार्टफोन और अंतरिक्ष अन्वेषण जैसी नवाचारों का नेतृत्व करती हैं।
  • वैज्ञानिक दृष्टिकोण: प्रयोग और सिद्धांत ब्रह्मांड को समझाते हैं।
  • पर्यावरणीय समाधान: भौतिकी नवीकरणीय ऊर्जा प्रणालियों और पर्यावरण के अनुकूल प्रौद्योगिकियों को डिजाइन करने में मदद करती है।
  • करियर के अवसर: इंजीनियरिंग से डेटा विज्ञान तक, भौतिकी रोमांचक करियर के द्वार खोलती है।

भौतिकी विश्लेषणात्मक कौशल को भी तेज करती है, जो महत्वपूर्ण सोच और नवाचारी समाधानों को प्रोत्साहित करती है। यह एक ऐसा विषय है जो “क्यों” और “कैसे” पूछने के लिए दिमाग को प्रशिक्षित करता है।

भौतिकी को सरल बनाना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन सही तरीकों से इसे एक आकर्षक विषय में बदला जा सकता है। वास्तविक जीवन के उदाहरण, इंटरएक्टिव उपकरण, और व्यावहारिक प्रयोग सीखने को आनंददायक बनाते हैं। यदि आप किसी विषय पर अटक जाते हैं, तो इन युक्तियों को आज़माएं और हमें बताएं कि वे आपके लिए कैसे काम करती हैं! याद रखें, भौतिकी सिर्फ सूत्रों के बारे में नहीं है; यह दुनिया को एक नए दृष्टिकोण से समझने के बारे में है।

आपको यह लेख कैसा लगा? अपने विचार और सुझाव नीचे कमेंट में साझा करें! भौतिकी को सरल बनाने के लिए आपके पास कोई सुझाव हैं? हमें उन्हें सुनने में खुशी होगी!

Odisha Teacher Vacancy 2025: 6000 से अधिक पदों पर सरकारी शिक्षक भर्ती | Odisha TGT Recruitment

Odisha Teacher Vacancy 2025: 6000 से अधिक पदों पर सरकारी शिक्षक भर्ती का सुनहरा मौका। आवेदन की अंतिम तिथि 5 फरवरी 2025। जानें पात्रता, वेतन और आवेदन प्रक्रिया।

सरकारी शिक्षक बनने का सपना देख रहे उम्मीदवारों के लिए सुनहरा मौका है। ओडिशा कर्मचारी चयन आयोग (OSSC) ने 6000+ शिक्षकों की भर्ती के लिए आवेदन मांगे हैं। यह भर्ती विभिन्न विषयों के लिए है और आवेदन प्रक्रिया 6 जनवरी 2025 से शुरू हो चुकी है। इच्छुक उम्मीदवार 5 फरवरी 2025 तक आवेदन कर सकते हैं।


Teacher Recruitment 2025: मुख्य जानकारी

  • भर्ती का नाम: OSSC Teacher Recruitment 2025
  • कुल पदों की संख्या: 6000+
  • आवेदन की शुरुआत: 6 जनवरी 2025
  • आवेदन की अंतिम तिथि: 5 फरवरी 2025
  • फॉर्म संशोधन की अंतिम तिथि: 10 फरवरी 2025
  • आधिकारिक वेबसाइट: ossc.gov.in

वैकेंसी का विवरण (Teacher Vacancy Details)

पद का नामकुल पदमासिक सैलरी
टीजीटी आर्ट्स (TGT Arts)1488₹35,400
टीजीटी ओडिया (TGT Odia)496₹35,400
टीजीटी साइंस पीसीएम (PCM)1020₹35,400
टीजीटी साइंस सीबीजेड (CBZ)880₹35,400
हिंदी शिक्षक (Hindi Teacher)729₹35,400
तेलुगु शिक्षक (Telugu Teacher)6₹35,400
उर्दू शिक्षक (Urdu Teacher)14₹35,400
शारीरिक शिक्षक (Physical Education Teacher)681₹29,200

शैक्षिक योग्यता (Educational Qualification)

  1. टीजीटी (TGT Teacher):
    • 50% अंकों के साथ ग्रेजुएशन और बीएड।
  2. हिंदी/संस्कृत/तेलुगु शिक्षक:
    • संबंधित विषय में 50% अंकों के साथ ग्रेजुएशन और बीएड।
  3. उर्दू शिक्षक:
    • आलिम/फाजिल 50% अंकों से पास और बीएड अनिवार्य।
  4. शारीरिक शिक्षक (Physical Education Teacher):
    • 12वीं पास और B.P.Ed या M.P.Ed डिग्री।

Teacher Recruitment 2025: आवेदन प्रक्रिया

  1. OSSC की वेबसाइट पर जाएं।
  2. रजिस्ट्रेशन कर लॉगिन करें।
  3. आवेदन फॉर्म भरें और आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करें।
  4. आवेदन शुल्क जमा करें।
  5. फॉर्म सबमिट करने से पहले जानकारी जांचें।

आवेदन क्यों करें?

  • सरकारी नौकरी का स्थायित्व।
  • 35,000 रुपये तक की सैलरी।
  • अन्य सरकारी भत्तों और सुविधाओं का लाभ।

महत्वपूर्ण तिथियां (Important Dates)

घटनातिथि
आवेदन की शुरुआत6 जनवरी 2025
आवेदन की अंतिम तिथि5 फरवरी 2025
फॉर्म संशोधन की अंतिम तिथि10 फरवरी 2025

जल्द आवेदन करें और सरकारी शिक्षक बनने का अपना सपना पूरा करें।
अधिक जानकारी और आवेदन के लिए विज़िट करें: OSSC.gov.in

ये जानकारी मात्र सूचनार्थ है अधिक जानकारी के लिए विभागीय आदेश अवश्य पढ़ें जो नीचे दिया गया है

Odisha Teacher Vacancy 2025 Page-1
Government Teacher Job Odisha 2025 Page-2
TGT Teacher Recruitment 2025 Page-3
OSSC Teacher Vacancy 2025 Page-4
Odisha TGT Teacher Jobs 2025 Page-5
Odisha Teacher Job Notification 2025 Page-6
Odisha Government Teacher Recruitment 2025 Page-7
Odisha Teacher Job Application 2025 Page-8

Indian Coastal Beaches: भारत के समुद्र तट: पर्यटन, प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक महत्व

भारत, जो दुनिया का सातवां सबसे बड़ा देश है, तीन तरफ से समुद्रों से घिरा हुआ है। इसका पूर्वी और पश्चिमी समुद्र तटीय क्षेत्र लगभग 7,516.6 किलोमीटर लंबा है। यह क्षेत्र भारत के 9 राज्यों और 4 केंद्र शासित प्रदेशों से गुजरता है। भारत के समुद्र तट केवल प्राकृतिक सुंदरता ही नहीं, बल्कि आर्थिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय दृष्टि से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। इस लेख में हम भारत के समुद्र तटों से जुड़ी सभी प्रमुख जानकारियों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।


भारत के समुद्र तटों की विशेषताएँ:

भारत के समुद्र तट विभिन्न प्रकार की भौगोलिक और प्राकृतिक विशेषताओं से युक्त हैं। ये क्षेत्र न केवल जैव विविधता को संजोते हैं बल्कि पर्यटन, व्यापार, और प्राकृतिक संसाधनों के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।


प्रमुख समुद्र तटीय राज्य:

  1. गुजरात:
    • तटरेखा: लगभग 1,600 किमी (भारत का सबसे लंबा तट)।
    • प्रसिद्ध समुद्र तट: मांडवी, द्वारका।
    • विशेषता: कच्छ का रण और गिर अभयारण्य।
  2. महाराष्ट्र:
    • तटरेखा: लगभग 720 किमी।
    • प्रसिद्ध समुद्र तट: जुहू, अलीबाग।
    • विशेषता: मुंबई, आर्थिक गतिविधियों का केंद्र और गेटवे ऑफ इंडिया।
  3. गोवा:
    • तटरेखा: लगभग 160 किमी।
    • प्रसिद्ध समुद्र तट: बागा, कोलवा, अंजुना।
    • विशेषता: पर्यटन का मुख्य केंद्र और नाइटलाइफ।
  4. कर्नाटक:
    • तटरेखा: लगभग 300 किमी।
    • प्रसिद्ध समुद्र तट: गोकर्ण, मुरुदेश्वर।
    • विशेषता: ऐतिहासिक मंदिर और प्राकृतिक सौंदर्य।
  5. केरल:
    • तटरेखा: लगभग 590 किमी।
    • प्रसिद्ध समुद्र तट: कोवलम, वर्कला।
    • विशेषता: बैकवाटर्स, आयुर्वेद और नारियल के पेड़।
  6. तमिलनाडु:
    • तटरेखा: लगभग 1,076 किमी।
    • प्रसिद्ध समुद्र तट: मरीना, महाबलीपुरम।
    • विशेषता: मरीना बीच एशिया का दूसरा सबसे लंबा समुद्र तट और ऐतिहासिक स्थलों का घर।
  7. आंध्र प्रदेश:
    • तटरेखा: लगभग 972 किमी।
    • प्रसिद्ध समुद्र तट: विशाखापट्टनम, रुषिकोंडा।
    • विशेषता: बंदरगाह और औद्योगिक क्षेत्र।
  8. ओडिशा:
    • तटरेखा: लगभग 485 किमी।
    • प्रसिद्ध समुद्र तट: पुरी, चिलिका झील।
    • विशेषता: जगन्नाथ मंदिर और चिलिका झील की जैव विविधता।
  9. पश्चिम बंगाल:
    • तटरेखा: लगभग 210 किमी।
    • प्रसिद्ध समुद्र तट: दीघा, मंद्रमनी।
    • विशेषता: सुंदरबन डेल्टा और मैंग्रोव वन।

प्रमुख केंद्र शासित प्रदेश:

  1. अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह:
    • प्रसिद्ध समुद्र तट: राधानगर, हैवलॉक।
    • विशेषता: प्रवाल भित्ति और स्कूबा डाइविंग।
  2. लक्षद्वीप:
    • प्रसिद्ध समुद्र तट: कवरत्ती, मिनिकॉय।
    • विशेषता: कोरल रीफ और शांतिपूर्ण वातावरण।
  3. पुडुचेरी:
    • प्रसिद्ध समुद्र तट: पैराडाइज, प्रोमेनेड।
    • विशेषता: फ्रांसीसी वास्तुकला और आध्यात्मिक केंद्र।
  4. दमन और दीव:
    • प्रसिद्ध समुद्र तट: नागोआ, जंपोर।
    • विशेषता: ऐतिहासिक किले और शांत समुद्र तट।

आर्थिक महत्व:

  1. मत्स्य पालन:
    • भारत के मत्स्य उत्पादन में समुद्र तटीय क्षेत्रों का बड़ा योगदान है।
  2. पर्यटन:
    • गोवा, केरल, और अंडमान जैसे क्षेत्र पर्यटकों के प्रमुख आकर्षण केंद्र हैं।
  3. बंदरगाह और व्यापार:
    • प्रमुख बंदरगाह, जैसे मुंबई, चेन्नई और कोलकाता।
  4. खनिज संपदा:
    • पेट्रोलियम, गैस और समुद्री खनिजों का खनन।

पर्यावरणीय महत्व:

  1. मैंग्रोव वन:
    • सुंदरबन जैसे क्षेत्र चक्रवातों और सुनामी से सुरक्षा प्रदान करते हैं।
  2. समुद्री जैवविविधता:
    • कई समुद्री जीवों का घर।
  3. पर्यावरण संरक्षण:
    • समुद्र तटीय क्षेत्रों में जैव विविधता को संरक्षित करने के लिए विशेष प्रयास।

कक्षा 1 से 8 के लिए प्रश्नोत्तरी:

कक्षा 1:

  1. भारत का सबसे लंबा समुद्र तट किस राज्य में है?
    उत्तर: गुजरात।
  2. गोवा का एक प्रसिद्ध समुद्र तट कौन सा है?
    उत्तर: बागा।
  3. मरीना बीच किस राज्य में है?
    उत्तर: तमिलनाडु।
  4. अंडमान द्वीपसमूह का एक प्रमुख समुद्र तट कौन सा है?
    उत्तर: राधानगर।
  5. भारत की तटरेखा कितनी लंबी है?
    उत्तर: लगभग 7,516.6 किमी।

कक्षा 2:

  1. मुंबई का प्रसिद्ध समुद्र तट कौन सा है?
    उत्तर: जुहू।
  2. पुरी समुद्र तट किस राज्य में है?
    उत्तर: ओडिशा।
  3. केरल के समुद्र तटों की विशेषता क्या है?
    उत्तर: बैकवाटर्स।
  4. कर्नाटक का प्रसिद्ध समुद्र तट कौन सा है?
    उत्तर: गोकर्ण।
  5. पुडुचेरी का प्रमुख समुद्र तट कौन सा है?
    उत्तर: पैराडाइज।

कक्षा 3:

  1. तमिलनाडु के मरीना बीच की लंबाई कितनी है?
    उत्तर: 13 किलोमीटर।
  2. लक्षद्वीप का प्रसिद्ध समुद्र तट कौन सा है?
    उत्तर: कवारती।
  3. चिलिका झील किस राज्य में है?
    उत्तर: ओडिशा।
  4. गुजरात के तट की विशेषता क्या है?
    उत्तर: कच्छ का रण।
  5. गोवा का एक और प्रसिद्ध समुद्र तट कौन सा है?
    उत्तर: कोलवा।

कक्षा 4:

  1. सुंदरबन मैंग्रोव वन किस राज्य में है?
    उत्तर: पश्चिम बंगाल।
  2. विशाखापट्टनम का समुद्र तट किस राज्य में है?
    उत्तर: आंध्र प्रदेश।
  3. मुंबई का एक प्रमुख बंदरगाह कौन सा है?
    उत्तर: जवाहरलाल नेहरू पोर्ट।
  4. दमन और दीव का प्रसिद्ध समुद्र तट कौन सा है?
    उत्तर: नागोआ।
  5. गोवा के समुद्र तटों की मुख्य विशेषता क्या है?
    उत्तर: पर्यटन।

कक्षा 5

  1. भारत के समुद्र तटों का सबसे लंबा तट किस राज्य में है?
    उत्तर: गुजरात।
  2. केरल के समुद्र तटों की विशेषता क्या है?
    उत्तर: बैकवाटर्स और आयुर्वेद।
  3. आंध्र प्रदेश का प्रसिद्ध समुद्र तट कौन सा है?
    उत्तर: रुषिकोंडा।
  4. तमिलनाडु का मरीना बीच क्यों प्रसिद्ध है?
    उत्तर: यह एशिया का दूसरा सबसे लंबा समुद्र तट है।
  5. कर्नाटक का प्रमुख समुद्र तट कौन सा है?
    उत्तर: गोकर्ण।

कक्षा 6

  1. भारत के समुद्र तटों में से किस राज्य में सुंदरबन डेल्टा स्थित है?
    उत्तर: सुंदरबन डेल्टा पश्चिम बंगाल में है।
  2. महाराष्ट्र का प्रसिद्ध समुद्र तट कौन सा है?
    उत्तर: जुहू समुद्र तट महाराष्ट्र का प्रसिद्ध तट है।
  3. गोवा के समुद्र तटों की खासियत क्या है?
    उत्तर: गोवा के समुद्र तट पर्यटन और नाइटलाइफ के लिए प्रसिद्ध हैं।
  4. लक्षद्वीप का एक प्रमुख समुद्र तट कौन सा है?
    उत्तर: कवरत्ती लक्षद्वीप का प्रमुख समुद्र तट है।
  5. दमन और दीव का प्रमुख समुद्र तट कौन सा है?
    उत्तर: नागोआ दमन और दीव का प्रमुख समुद्र तट है।

कक्षा 7

  1. भारत में कौन सा समुद्र तट पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण केंद्र है?
    उत्तर: गोवा का समुद्र तट पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण है।
  2. महाराष्ट्र के समुद्र तटों की विशेषता क्या है?
    उत्तर: महाराष्ट्र के समुद्र तट जुहू और अलीबाग जैसे प्रसिद्ध हैं।
  3. तमिलनाडु का मरीना बीच किस कारण प्रसिद्ध है?
    उत्तर: मरीना बीच एशिया का दूसरा सबसे लंबा समुद्र तट है।
  4. भारत के समुद्र तटों में से कौन सा समुद्र तट जैव विविधता का एक महत्वपूर्ण केंद्र है?
    उत्तर: सुंदरबन डेल्टा जैव विविधता का महत्वपूर्ण केंद्र है।

कक्षा 8

  1. भारत के समुद्र तटों का आर्थिक महत्व क्या है?
    उत्तर: समुद्र तटों का महत्व मत्स्य पालन, पर्यटन, और व्यापार के लिए है।
  2. केरल के समुद्र तटों की प्रमुख विशेषता क्या है?
    उत्तर: केरल के समुद्र तट बैकवाटर्स और आयुर्वेद के लिए प्रसिद्ध हैं।
  3. भारत के किस राज्य में कच्छ का रण स्थित है?
    उत्तर: कच्छ का रण गुजरात राज्य में स्थित है।
  4. अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह के समुद्र तटों की खासियत क्या है?
    उत्तर: अंडमान और निकोबार के समुद्र तट प्रवाल भित्ति और स्कूबा डाइविंग के लिए प्रसिद्ध हैं।
  5. भारत के समुद्र तटीय क्षेत्र पर्यावरणीय दृष्टि से क्यों महत्वपूर्ण हैं?
    उत्तर: ये क्षेत्र समुद्री जैवविविधता और पर्यावरण संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण हैं।

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उत्तर प्रदेश में ठंड और शीतलहर को देखते हुए माध्यमिक विद्यालयों के समय (School Time) में बड़ा बदलाव किया गया है। जानें नई समय सारणी और इसकी पूरी जानकारी।

उत्तर प्रदेश में इन दिनों कड़ाके की ठंड और शीतलहर का प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है। इसी संदर्भ में, माध्यमिक विद्यालयों के संचालन समय में परिवर्तन का आदेश जारी किया गया है। शिक्षा निदेशक (माध्यमिक), द्वारा यह आदेश 7 जनवरी 2025 को जारी किया गया है, जिसमें मकर संक्रांति तक विद्यालयों के संचालन का नया समय निर्धारित किया गया है।

आदेश का प्रमुख बिंदु:

प्रदेश में ठंड और शीतलहर को ध्यान में रखते हुए, माध्यमिक विद्यालयों की कक्षाओं का समय प्रातः 9:30 बजे से अपराह्न 3:30 बजे की बजाय सुबह 10:00 बजे से दोपहर 3:00 बजे तक निर्धारित किया गया है।

आदेश का उद्देश्य:

इस समय परिवर्तन का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों और शिक्षकों को ठंड और शीतलहर के दुष्प्रभावों से बचाना है। ठंड के कारण बच्चों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले संभावित प्रभाव को रोकने के लिए यह निर्णय लिया गया है।

अनुपालन की सख्त हिदायत:

शिक्षा निदेशक ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि इस आदेश का पालन कड़ाई से सुनिश्चित किया जाए।

यह बदलाव कब तक लागू रहेगा?

यह बदलाव मकर संक्रांति पर्व तक लागू रहेगा। इसके बाद स्कूलों का समय पहले की तरह ही रहेगा।

यह निर्णय विद्यार्थियों के हित में लिया गया है, ताकि ठंड और शीतलहर के प्रभाव से उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। साथ ही, प्रशासन ने स्कूल प्रबंधन को निर्देशित किया है कि वह समय-समय पर विद्यार्थियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य का ध्यान रखें।

ह आदेश प्रदेश के सभी माध्यमिक विद्यालयों पर लागू है और मकर संक्रांति तक प्रभावी रहेगा। संबंधित विभागों और अधिकारियों से अपेक्षा है कि वे इस आदेश का पालन सुनिश्चित करें और ठंड के प्रकोप से विद्यार्थियों को राहत प्रदान करें।

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